सोमवार, 14 जून 2010

उदास लड़कियां

उदास लड़कियां..


बंद खिड़कियो के पीछे,



उदास लड़कियां ..






रेशमी रुमाल पे,


नाम लिखती,


और रंग बिरंगे धागों से काढ़ती उदास लड़कियां..






खारे पानी में भिगो के,


दुपट्टो पे,


कच्चे रंग चढ़ाती उदास लड़कियां..






मेहँदी की नाज़ुक पत्तियो को,


चुन चुन के,


तोड़ती,पीसती भिगोती और सजाती उदास लड़कियां..






टूटी कांच की चूड़ी,


हथेली पे फिर से तोडके,


किसी बिछड़े हुए का प्यार तोलती उदास लड़कियां...






शाम ढले काले कैनवस पे,


खींचती एक बिंदु चाँदी रंग का


और जगा देती उदास लड़किया..






जमा जमा के पैर रखती,


सीढियां उतरती,


शांत पानी में हलचल मचाती,


अपनी गहरी उदासियो में उतर जाती उदास लड़कियां

dosti

आज मै बात कर रही हूँ दोस्ती की जो मेरे जिन्दगी में काफी अहमियत रखती है जैसे जल के बीना जीवन है ,वैसे ही दोस्ती के बिना जिन्दगी ,कभी-कभी यही दोस्ती बहुत बड़ा मुकाम भी हासिल करती है , आज मै अपनी दोस्ती के बारे मै बताती हूँ की मेरी बचपन की दोस्त सना हेदर जिसके साथमैंने क्लास १ से पढ़ना शुरू किया था हम साथ स्कूल जाते थे और साथ मै टिउसन भी पढ़ते थी ,उसके त्यौहार पर मैऔर उसके त्यौहार हम दोनों ही नये कपडा पहनते थे ,उस दोस्ती को मै आज भी याद करती हु क्लास १० में मेरे पापा का ट्रांसफर हो गया और मै baliya



चली आई , लकिन आज भी हम फोन से जुने है मेरी दोस्त मुसलमान है लेकिन हमारी दोस्ती के बीच कभी धर्म नहीं आया ,उसके और मेरे परिवार के बीच आज भी अच्छे सम्बन्ध है

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,


टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,


धज्जी-धज्जी रात मिली


जितना-जितना आँचल था,


उतनी ही सौगात मिली


रिमझिम-रिमझिम बूँदों में,


ज़हर भी है और अमृत भी


आँखें हँस दीं दिल रोया,


यह अच्छी बरसात मिली


जब चाहा दिल को समझें,


हँसने की आवाज सुनी


जैसे कोई कहता हो,


ले फिर तुझको मात मिली


मातें कैसी घातें क्या,


चलते रहना आठ पहर


दिल-सा साथी जब पाया,


बेचैनी भी साथ मिली


होंठों तक आते आते,


जाने कितने रूप भरे


जलती-बुझती आँखों में,


सादा सी जो बात मिली

रियल्टी शो

रियल्टी शो




आज टीवी पर सीरियल से ज्यादा रियल्टी शो पापुलर हो रहे है तभी तो आज कोई चैनल इससे अछूते नहीं , किसी न किसी चैनल पर कोई रियल्टी शो चलता रहता हैं चाहे डांस शो हो या सिगिग या फिर कामेडी शो , अगर हम पिछले कुछ चैनल को देखे तो रियल्टी शो काफी तेजी से चले है , जेसे 'खतरों के खिलाड़ी, बिग बॉस , डी इ डी , राहुल दुल्हनिया ले जायगा , सा रे गा मा प , कामेडी सर्कस , रोडीज , आदि पापुलर रहे , रियल्टी का ये चैनल पर बूम बनकर छा रहा है एसा लगता है सीरियल से जादा रियल्टी शो पसंद किये जाते है ,क्योकि रियल्टी शो do या तीन महीने ने खत्म हो जाता है , सीरियल की तरह पकता नहीं ,


इस वक्त एसा कोई चैनल नहीं जिसमे रियल्टी शो न आता हो , कलर चैनल , जी टी वी , सोनी चैनल पर इस ओकत बच्चो के डांस शो चल रहे है जिसे बढ़े भी खूब पसंद कर रहे है और सोनी चैनल पर इंडियन इदेअल ,कायर्क्रम चल रहा है , २०१० में फरवरी के १ तारीख से शुरू हुआ राहुल दुल्हनिया ले जायेगा काफी टी र पि बटोरी ,अन डी टी वी इमेजिन पर ये शो मार्च में खत्म ही हुआ था की यक नया शो देशी गर्ल शुरू होने वाला है चैनल पर रियल्टी की बढ़ आ गयी है ...................
बारिश




सबके मन को खूब है भाता !


सावन लेकर जब बारिश आता !!


सूखे खेतो को है खूब लहराता !


बंजर भूमि में हरियाली लाता !!


बच्चे ,बूढ़े ,आधे, adhure !


बारिश में भीगते है पुरे !!


गर्मी सब की दूर भगता !


सावन लेकर जब बारिश आता !!


भीग -भीग कर पत्ते बोले !


बारिश में अम्बर को छुले !!


सुखी धरती है खूब लहराता !


सावन लेकर जब बारिश आता !!

जिन्दगी का दर्द

जिन्दगी का दर्द




दर्द से भरे यक समन्दर को बहते ही देखा !


इस हाल भी use hanste देखा हुए देखा !!


दम तोड़ती उम्मीदों की नदियो में बनके !


आशा का बादल बरस्ते हुए देखा !!


टूटती थी लम्हा , जिन्दगी चाहत हरपल !


अपनों से मिलने के लिय तरसते हुए देखा !!


बिछड़े थे कबके मालुम न था उसे !


यादो के जीवन को कटते हुए देखा !!


किस मोड़ पर लेकर , जाएगी जिन्दगी !


हर मोड़ पर उसे भटकते देखा !!


दर्द से भरे एक समंदर को देखा !


इस हाल में उसे हँसते हुए देखा !!

शनिवार, 12 जून 2010

सीजन शादी

सीजन शादी




भारत एक हिंदुत्व प्रधान देश है , हालाकि हिन्दू के आलावा भी यहा कई अन्य धर्म है , हिन्दू विवाह हमारे देश में एक विशेष महत्व रखता है ! हिन्दू विवाह अधिकतर किसी विशेष सीजन में ही होता है ! शादी का मोएसम इस वक्त काफी तेजी से चल रहा है ! शदियों का हमारे समाज में विशेष महत्व है ! शदी के रंग में लोग इस कद्र डूबे रहते है की उन्हें कुछ ख्याल नही रह्ता , क्या बच्चे , क्या बूढ़े , क्या जवान सभी शादी की तेयारी मे लगे रहते है ! शादी से एक हफते पहले ही ओरते घर पर न्रत्य संगीत करना शुरू कर देती है ! फ़िलहाल इस वक्त गर्मी का सीजन है और इस मोसम मे शादियों मे भाग लेना काफी कष्ट करी होता है ! गर्मी के मोसम में हमे ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है ! हमारी जरा सी लपर वाही हमे शादी कर अनुठे आनन्द से महरूम रख सकती है !


मोसम का मिजाज देखते हुय हमे शादी के खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ! ज्यादा मशालेदार एंव चटपटी चीजो से बचना चहिय तथा ज्यादतर हरी सब्जियों एंव साफ पानी का इस्तेमाल करना चहिय ! इसी प्रकार से हम सीजन शादी का असली आनन्द उठा सकते है !

गुरुवार, 10 जून 2010

बीएड

बीएड




पूरी तेयारी के साथ मै बीएड का पेपर देने के लिय teayar थी भोर में मै तीन बजे मै उठ कर पढने लगी ,लेकिन अचानक मेरे पास चार बजे फोन आता है की पेपर टल गया है ,मैने फोरन टी वी चलाया और न्यूज़ में देखा की बीएड का रद हो गया हैउसके बाद मुझे नीद नही आई , मुझे गुस्सा आ रहा था की पहले प्रवेश पत्र मिलने में दिक्कत हो रही थी अब पेपर ही रद ho गया, इन सबका असर मुझ पर काफी पढ़ा क्योकि मै मास कोम्मुनिकतिओन kर रही हु और मेरा पेपर भी मई में है , बीएड के पेपर की वजह से मैने कई काम पेंडिग में रखे थे , मुझे समझ नही आ रहा की ये पेपर लीक केसे हुआ ये phrukhabaad ke prshasn ki glti hai ki paper leek huaa, mai to yh cahti hu ki jisne paper leek kiya hai use kdhi sjaa mile jisse aage se paper koi leek na kr ske ,aur bchcho ko dikkt ka smna na krna ho ................

मंगलवार, 8 जून 2010

KADDU PHOOL KE PAKODE (PUMPKIN FLOWER PAKODA)

KADDU PHOOL KE PAKODE (PUMPKIN FLOWER PAKODA)






INGREDIENTS




Pumpkin flower : 12-15 pieces (as required)


Salt : 1/2 tsp (as per taste)


Sunflower oil : 1 tsp


Besan (gram flour) : 250 gram










PREPARATION






• Wash pumpkin flowers properly


• Remove the stem and seed from the flower


• Cut the flower into small pieces


• Take besan in a bowl


• Add salt and oil with besan and mix it properly


• Soak the pumpkin flowers in the besan


• Heat 8-10 tsp of oil in a kadai


• Pour pumpkin flowers in the kadai and fry it nicely


• Serve crispy pumpkin flower pakoda with tea

गोली............

गोली




अरे डरिये मत मै बन्दुक वाली गोली की बात नहीं कर रही हूँ ,मै तो खेलने वाली गोली की बात कर रही हूँ , इसकी बात मै इस लिय कर रही हूँ की क्योकि जब भी मै अपने घर से निकलती हूँ या मै कही से लौट कर घर आती तो बच्चे mere घर के द्वार पर मोहल्ले के बच्चे गोली खेलते मिलते थे , एक दिन मैंने उनसे पूछा की गोली कैसे खेली जाती है तो उस बच्चे ने बताया की गोली खेलने के कई तरीके है ,मैंने पूछा की गोली कितने की मिलाती है तो उसने बताया की एक रुपये की आठ गोली मिलाती है ,और ये काच की होती है और उसका आकर गोल होता है .कभी कभी ये बच्चे आपस में खेल खेल में लड़ाई भी करते है.इनके शोर से मै काफी परेसान हो जाती हु इन्हें मै जितना ही भागने की कोसिस करती हु वे उतना ही परेशां करते है .और तो और मेरा द्वार ही इनके खेल ka अड्डा बन गया है .जहा ये बिना किसी दिक्कत के आराम से खेलते है.