जिन्दगी का दर्द
दर्द से भरे यक समन्दर को बहते ही देखा !
इस हाल भी use hanste देखा हुए देखा !!
दम तोड़ती उम्मीदों की नदियो में बनके !
आशा का बादल बरस्ते हुए देखा !!
टूटती थी लम्हा , जिन्दगी चाहत हरपल !
अपनों से मिलने के लिय तरसते हुए देखा !!
बिछड़े थे कबके मालुम न था उसे !
यादो के जीवन को कटते हुए देखा !!
किस मोड़ पर लेकर , जाएगी जिन्दगी !
हर मोड़ पर उसे भटकते देखा !!
दर्द से भरे एक समंदर को देखा !
इस हाल में उसे हँसते हुए देखा !!
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